लव जिहाद पर विवादित बयान बीजेपी नेता लखपत सिंह भंडारी पर केस दर्ज, रैली में दी ‘दुकानें जलाने’ की धमकी!
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल क्षेत्र में भाजपा के वरिष्ठ नेता लखपत सिंह भंडारी ने एक विवादित बयान देकर नया विवाद खड़ा कर दिया है। लखपत सिंह भंडारी, जो भाजपा के पौड़ी गढ़वाल इकाई के उपाध्यक्ष हैं, ने श्रीनगर में आयोजित एक रैली में भाग लेते हुए कथित रूप से ‘लव जिहाद’ के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक बयान दिया। उनकी टिप्पणी से राज्य में सामाजिक सौहार्द्र को गंभीर खतरा बताया जा रहा है, जिसके चलते उन पर कानूनी कार्रवाई भी की गई है।
चेतना और चेतावनी रैली का आयोजन
रैली का नाम था “चेतना और चेतावनी,” जिसमें विभिन्न समुदायों के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे। इस रैली का उद्देश्य था जनता को विभिन्न सामाजिक मुद्दों के प्रति जागरूक करना, लेकिन भंडारी का बयान रैली के मूल उद्देश्य से भटक गया। उन्होंने विशेष समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया और सीधे तौर पर उन्हें ‘लव जिहाद’ से दूर रहने की चेतावनी दी। इतना ही नहीं, भंडारी ने उन लोगों की दुकानों को जलाने की धमकी भी दे डाली जो ‘लव जिहाद’ में शामिल होंगे।
भड़काऊ बयान का परिणाम
भंडारी का यह बयान न केवल राजनीतिक हलकों में हड़कंप मचाने वाला था, बल्कि सोशल मीडिया पर भी यह तेजी से वायरल हो गया। हालांकि, इस विवादित वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स से हटा लिया गया, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। पुलिस ने इस बयान पर स्वत: संज्ञान लेते हुए भंडारी पर सामाजिक सौहार्द्र को खतरे में डालने और भड़काऊ बयान देने के आरोप में केस दर्ज कर लिया है।
सोशल मीडिया पर विवाद
भंडारी के बयान का वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो राज्य के विभिन्न हिस्सों में इसे लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं आईं। विशेष समुदाय के लोगों में इस बयान को लेकर गुस्सा था। भले ही वीडियो को प्लेटफार्म से हटा दिया गया हो, लेकिन यह पहले ही हजारों लोगों तक पहुंच चुका था। इस बयान के बाद पुलिस को भी स्थिति पर कड़ी नजर रखनी पड़ी, ताकि किसी तरह की हिंसा या अप्रिय घटना न हो।
बीजेपी नेता पर कानूनी कार्रवाई
भंडारी के खिलाफ उत्तराखंड पुलिस ने आपराधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार, उनका बयान न केवल उकसाने वाला था, बल्कि इससे समाज में शांति और सद्भाव को गंभीर नुकसान हो सकता था। पुलिस ने बताया कि जांच शुरू कर दी गई है और जल्द ही उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
भंडारी के बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मच गई है। जहां एक तरफ विपक्षी दलों ने इस बयान की कड़ी आलोचना की है, वहीं भाजपा की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है। विपक्षी दलों का कहना है कि इस तरह के बयान समाज में विभाजनकारी ताकतों को बढ़ावा देते हैं और इससे राज्य की सांप्रदायिक शांति को खतरा हो सकता है।
“लव जिहाद” पर बढ़ती राजनीति
उत्तराखंड और अन्य राज्यों में “लव जिहाद” का मुद्दा पिछले कुछ वर्षों से राजनीतिक चर्चाओं में बना हुआ है। इसे लेकर कई बार विभिन्न दलों के नेताओं ने बयानबाजी की है, लेकिन भंडारी का यह बयान सबसे अधिक आपत्तिजनक और भड़काऊ साबित हुआ। ‘लव जिहाद’ का मुद्दा वैसे तो सामाजिक और धार्मिक स्तर पर बहस का विषय रहा है, लेकिन जब इसे राजनीतिक रंग दिया जाता है, तो इसके परिणाम अक्सर तनावपूर्ण होते हैं। भंडारी के बयान ने इस मुद्दे को फिर से चर्चा में ला दिया है और यह देखना होगा कि आगे की राजनीति किस दिशा में जाती है।
कानूनी प्रक्रिया और भंडारी का बचाव
जहां एक तरफ भंडारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है, वहीं उनके समर्थकों का कहना है कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है। समर्थकों का दावा है कि भंडारी का मकसद किसी को उकसाना नहीं था, बल्कि वह केवल अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि अदालत में भंडारी और उनके वकील इस बयान को किस तरह से बचाव करते हैं।
राज्य में साम्प्रदायिक तनाव की आशंका
भंडारी के बयान के बाद राज्य में साम्प्रदायिक तनाव बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। पुलिस और प्रशासन ने सभी जिलों में कड़ी चौकसी बढ़ा दी है और किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। राज्य की राजधानी देहरादून से लेकर दूरदराज के इलाकों में भी पुलिस और सुरक्षा बलों को सतर्क कर दिया गया है।
पुलिस का कदम
पुलिस ने बयान के बाद फौरन कार्रवाई की और उनके खिलाफ उचित धाराओं में केस दर्ज किया। उत्तराखंड पुलिस का कहना है कि इस तरह के बयान किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे और जो भी कानून तोड़ेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अधिकारियों ने यह भी बताया कि इस तरह के संवेदनशील मामलों में फौरन कार्रवाई इसलिए जरूरी है ताकि समाज में अशांति न फैले।
भाजपा की स्थिति
भाजपा ने इस मुद्दे पर आधिकारिक रूप से अभी तक कोई बयान नहीं दिया है, लेकिन पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि भंडारी के बयान ने पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाया है। पार्टी के नेताओं को उम्मीद है कि भंडारी खुद अपने बयान पर सफाई देंगे और स्थिति को संभालने की कोशिश करेंगे। हालांकि, यह देखना बाकी है कि पार्टी भंडारी के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई करती है या नहीं।
निष्कर्ष
उत्तराखंड में भाजपा नेता लखपत सिंह भंडारी का ‘लव जिहाद’ के मुद्दे पर दिया गया बयान राज्य की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा कर चुका है। जहां एक तरफ उनके बयान को समाज में विभाजन फैलाने वाला बताया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर उनके समर्थक इसे गलत तरीके से पेश किए जाने की बात कह रहे हैं। पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और अब इस मामले की कानूनी प्रक्रिया शुरू हो गई है।
कन्यादान कल्याण फाउंडेशन के द्वारा सम्पूर्ण भारत के प्रत्येक गाँव की इंटरमीडिएट पास महिलाओं के लिए लेकर आयी है एक सुनहरा अवसर !
आपका एक कदम, समाज के भविष्य को बदल सकता है!
यदि आप महिला हैं और समाज की सेवा करने का जज़्बा रखती हैं, तो कन्यादान कल्याण फाउंडेशन का यह सुनहरा अवसर आपके लिए है। कन्यादान कल्याण फाउंडेशन पूरे भारत में महिला शिक्षकों की भर्ती कर रहा है। यह सिर्फ नौकरी नहीं, बल्कि एक सेवा का मिशन है। आपके प्रयासों से न केवल बच्चों का भविष्य उज्ज्वल होगा, बल्कि आपको अपने गाँव और समुदाय के विकास में अहम भूमिका निभाने का मौका मिलेगा।
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भविष्य का निर्माण, आपके हाथों में!
कन्यादान कल्याण फाउंडेशन द्वारा की जा रही हैं –यह भर्ती योजना उन महिलाओं के लिए सुनहरा अवसर है, जो शिक्षा के माध्यम से समाज को सशक्त बनाना चाहती हैं।
हर गाँव में एक महिला शिक्षक:-
कन्यादान कल्याण फाउंडेशन का उद्देश्य है कि हर गाँव में एक-एक महिला शिक्षिका की नियुक्ति हो,जो बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान करें। यह योजना न सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का प्रसार करेगी, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर भी प्रदान करेगी।
अपने – अपने घर में रहकर महिलाओं को पढ़ाने की सुविधा मिलेगी यह योजना महिलाओं के लिए बेहद ही सुविधाजनक है क्योंकि वे अपने-अपने घर में ही रहकर बच्चों को पढ़ा सकती हैं। अगर घर में जगह की कमी हो, तो वे लोग अपने गाँव के पंचायत भवन में भी पढ़ाने का विकल्प चुन सकती हैं।
नि:शुल्क शिक्षा का प्रसार हर महिला शिक्षिका को कम से कम 30 बच्चों को नि:शुल्क पढ़ाने की जिम्मेदारी मिलेगी। यह कदम उन बच्चों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, जो आर्थिक कठिनाइयों के कारण शिक्षा से वंचित रह जाते हैं।
आकर्षक मानदेय : शिक्षिका बनने के बाद आपको प्रति माह ₹3,000 से लेकर ₹10,000 तक मानदेय मिलेगी। यह आर्थिक सहायता आपकी मेहनत और योगदान का सम्मान स्वरुप मिलेगी।
भारत के प्रत्येक राज्यों के हर एक गाँव में एक-एक महिला शिक्षिका की नियुक्ति कन्यादान कल्याण फाउंडेशन कर रही है
1. बिहार राज्य में टोटल कितने शिक्षिका को कन्यादान कल्याण फाउंडेशन बहाल कर रही है ?
बिहार राज्य में टोटल 46,000 शिक्षिका की नियुक्ति कर रही है कन्यादान कल्याण फाउंडेशन शिक्षण संस्थान प्रत्येक गाँव में एक – एक महिला शिक्षिका की नियुक्ति कर रही है! सभी शिक्षिका को अपने – अपने गाँव में ही रहकर पढ़ाना है और इसकी सबसे अच्छी बात यह है की शिक्षिका को अपने – अपने घर में ही रहकर पढ़ा सकती है! उनको कही जाने की जरूरत नहीं अगर शिक्षिका के घर में जगह नहीं है तो शिक्षिका अपने – अपने गाँव के पंचायत भवन में भी पढ़ा सकती है! उनको कहीं भी जाने की जरूरत नहीं है!
1. बिहार: कुल 46,000 महिला शिक्षिकाओं की भर्ती
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2. झारखण्ड राज्य में टोटल कितने शिक्षिका को कन्यादान कल्याण फाउंडेशन बहाल कर रही है ?
झारखण्ड राज्य में टोटल 32520 शिक्षिका की नियुक्ति कर रही है कन्यादान कल्याण फाउंडेशन शिक्षण संस्थान प्रत्येक गाँव में एक महिला शिक्षिका की नियुक्ति कर रही है सभी शिक्षिका को अपने – अपने गाँव में ही रहकर पढ़ाना है और इसकी सबसे अच्छी बात यह है की शिक्षिका को अपने – अपने घर में ही रहकर पढ़ा सकती है! उनको कही जाने की जरूरत नहीं अगर शिक्षिका के घर में जगह नहीं है तो शिक्षिका अपने – अपने गाँव के पंचायत भवन में भी पढ़ा सकती है उनको कहीं भी जाने की जरूरत नहीं है!
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3. राजस्थान राज्य में टोटल कितने शिक्षिका को कन्यादान कल्याण फाउंडेशन बहाल कर रही है ?
राजस्थान राज्य में टोटल 107753 शिक्षिका की नियुक्ति कर रही है कन्यादान कल्याण फाउंडेशन शिक्षण संस्थान प्रत्येक गाँव में एक – एक महिला शिक्षिका की नियुक्ति कर रही है! सभी शिक्षिका को अपने – अपने गाँव में ही रहकर पढ़ाना है और इसकी सबसे अच्छी बात यह है की शिक्षिका अपने – अपने घर में ही रहकर पढ़ा सकती है! उनको कही जाने की जरूरत नहीं अगर शिक्षिका के घर में जगह नहीं है तो शिक्षिका अपने – अपने गाँव के पंचायत भवन में भी पढ़ा सकती है उनको कहीं भी जाने की जरूरत नहीं है!
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4. पंजाब राज्य में टोटल कितने शिक्षिका को कन्यादान कल्याण फाउंडेशन बहाल कर रही है ?
पंजाब राज्य में टोटल 12,581 शिक्षिका की नियुक्ति कर रही है कन्यादान कल्याण फाउंडेशन शिक्षण संस्थान प्रत्येक गाँव में एक – एक महिला शिक्षिका की नियुक्ति कर रही है! सभी शिक्षिका को अपने – अपने गाँव में ही रहकर पढ़ाना है और इसकी सबसे अच्छी बात यह है की शिक्षिका अपने – अपने घर में ही रहकर पढ़ा सकती है! उनको कही जाने की जरूरत नहीं अगर शिक्षिका के घर में जगह नहीं है तो शिक्षिका अपने – अपने गाँव के पंचायत भवन में भी पढ़ा सकती है उनको कहीं भी जाने की जरूरत नहीं है!
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5. उत्तर प्रदेश राज्य में टोटल कितने शिक्षिका को कन्यादान कल्याण फाउंडेशन बहाल कर रही है ?
उत्तर प्रदेश राज्य में टोटल 57,607 शिक्षिका की नियुक्ति कर रही है कन्यादान कल्याण फाउंडेशन शिक्षण संस्थान प्रत्येक गाँव में एक – एक महिला शिक्षिका की नियुक्ति कर रही है! सभी शिक्षिका को अपने – अपने गाँव में ही रहकर पढ़ाना है और इसकी सबसे अच्छी बात यह है की शिक्षिका अपने – अपने घर में ही रहकर पढ़ा सकती है! उनको कही जाने की जरूरत नहीं अगर शिक्षिका के घर में जगह नहीं है तो शिक्षिका अपने – अपने गाँव के पंचायत भवन में भी पढ़ा सकती है उनको कहीं भी जाने की जरूरत नहीं है!
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6. मध्य प्रदेश राज्य में टोटल कितने शिक्षिका को कन्यादान कल्याण फाउंडेशन बहाल कर रही है ?
मध्य प्रदेश राज्य में टोटल 54,903 शिक्षिका की नियुक्ति कर रही है कन्यादान कल्याण फाउंडेशन शिक्षण संस्थान प्रत्येक गाँव में एक – एक महिला शिक्षिका की नियुक्ति कर रही है! सभी शिक्षिका को अपने – अपने गाँव में ही रहकर पढ़ाना है और इसकी सबसे अच्छी बात यह है की शिक्षिका अपने – अपने घर में ही रहकर पढ़ा सकती है! उनको कही जाने की जरूरत नहीं अगर शिक्षिका के घर में जगह नहीं है तो शिक्षिका अपने – अपने गाँव के पंचायत भवन में भी पढ़ा सकती है उनको कहीं भी जाने की जरूरत नहीं है!
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7. महाराष्ट्र राज्य में टोटल कितने शिक्षिका को कन्यादान कल्याण फाउंडेशन बहाल कर रही है ?
महाराष्ट्र राज्य में टोटल 44,198 शिक्षिका की नियुक्ति कर रही है कन्यादान कल्याण फाउंडेशन शिक्षण संस्थान प्रत्येक गाँव में एक – एक महिला शिक्षिका की नियुक्ति कर रही है! सभी शिक्षिका को अपने – अपने गाँव में ही रहकर पढ़ाना है और इसकी सबसे अच्छी बात यह है की शिक्षिका अपने – अपने घर में ही रहकर पढ़ा सकती है! उनको कही जाने की जरूरत नहीं अगर शिक्षिका के घर में जगह नहीं है तो शिक्षिका अपने – अपने गाँव के पंचायत भवन में भी पढ़ा सकती है उनको कहीं भी जाने की जरूरत नहीं है!
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8. गुजरात राज्य में टोटल कितने शिक्षिका को कन्यादान कल्याण फाउंडेशन बहाल कर रही है ?
गुजरात राज्य में टोटल 19,171 शिक्षिका की नियुक्ति कर रही है कन्यादान कल्याण फाउंडेशन शिक्षण संस्थान प्रत्येक गाँव में एक – एक महिला शिक्षिका की नियुक्ति कर रही है! सभी शिक्षिका को अपने – अपने गाँव में ही रहकर पढ़ाना है और इसकी सबसे अच्छी बात यह है की शिक्षिका अपने – अपने घर में ही रहकर पढ़ा सकती है! उनको कही जाने की जरूरत नहीं अगर शिक्षिका के घर में जगह नहीं है तो शिक्षिका अपने – अपने गाँव के पंचायत भवन में भी पढ़ा सकती है उनको कहीं भी जाने की जरूरत नहीं है!
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9.उत्तराखंड राज्य में टोटल कितने शिक्षिका को कन्यादान कल्याण फाउंडेशन बहाल कर रही है ?
उत्तराखंड राज्य में टोटल 16,674 शिक्षिका की नियुक्ति कर रही है कन्यादान कल्याण फाउंडेशन शिक्षण संस्थान प्रत्येक गाँव में एक – एक महिला शिक्षिका की नियुक्ति कर रही है! सभी शिक्षिका को अपने – अपने गाँव में ही रहकर पढ़ाना है और इसकी सबसे अच्छी बात यह है की शिक्षिका अपने – अपने घर में ही रहकर पढ़ा सकती है! उनको कही जाने की जरूरत नहीं अगर शिक्षिका के घर में जगह नहीं है तो शिक्षिका अपने – अपने गाँव के पंचायत भवन में भी पढ़ा सकती है उनको कहीं भी जाने की जरूरत नहीं है!
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10.ओड़िसा राज्य में टोटल कितने शिक्षिका को कन्यादान कल्याण फाउंडेशन बहाल कर रही है ?
ओड़िसा राज्य में टोटल 16,674 शिक्षिका की नियुक्ति कर रही है कन्यादान कल्याण फाउंडेशन शिक्षण संस्थान प्रत्येक गाँव में एक – एक महिला शिक्षिका की नियुक्ति कर रही है! सभी शिक्षिका को अपने – अपने गाँव में ही रहकर पढ़ाना है और इसकी सबसे अच्छी बात यह है की शिक्षिका अपने – अपने घर में ही रहकर पढ़ा सकती है! उनको कही जाने की जरूरत नहीं अगर शिक्षिका के घर में जगह नहीं है तो शिक्षिका अपने – अपने गाँव के पंचायत भवन में भी पढ़ा सकती है उनको कहीं भी जाने की जरूरत नहीं है!
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11.छत्तीसगढ़ राज्य में टोटल कितने शिक्षिका को कन्यादान कल्याण फाउंडेशन बहाल कर रही है ?
छत्तीसगढ़ राज्य में टोटल 20,619 शिक्षिका की नियुक्ति कर रही है कन्यादान कल्याण फाउंडेशन शिक्षण संस्थान प्रत्येक गाँव में एक – एक महिला शिक्षिका की नियुक्ति कर रही है! सभी शिक्षिका को अपने – अपने गाँव में ही रहकर पढ़ाना है और इसकी सबसे अच्छी बात यह है की शिक्षिका अपने – अपने घर में ही रहकर पढ़ा सकती है! उनको कही जाने की जरूरत नहीं अगर शिक्षिका के घर में जगह नहीं है तो शिक्षिका अपने – अपने गाँव के पंचायत भवन में भी पढ़ा सकती है उनको कहीं भी जाने की जरूरत नहीं है!
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12.पश्चिम बंगाल राज्य में टोटल कितने शिक्षिका को कन्यादान कल्याण फाउंडेशन बहाल कर रही है ?
पश्चिम बंगाल राज्य में टोटल 40,218 शिक्षिका की नियुक्ति कर रही है कन्यादान कल्याण फाउंडेशन शिक्षण संस्थान प्रत्येक गाँव में एक – एक महिला शिक्षिका की नियुक्ति कर रही है! सभी शिक्षिका को अपने – अपने गाँव में ही रहकर पढ़ाना है और इसकी सबसे अच्छी बात यह है की शिक्षिका अपने – अपने घर में ही रहकर पढ़ा सकती है! उनको कही जाने की जरूरत नहीं अगर शिक्षिका के घर में जगह नहीं है तो शिक्षिका अपने – अपने गाँव के पंचायत भवन में भी पढ़ा सकती है उनको कहीं भी जाने की जरूरत नहीं है!
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कन्यादान कल्याण फाउंडेशन के द्वारा सम्पूर्ण राज्यों के हर एक गाँव में एक एक महिला शिक्षिका की नियुक्ति कर रही है, और वह अपने-अपने गाँव के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान करेगी। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर सुधरेगा और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को भी अच्छा भविष्य मिलेगा।
इस अवसर का लाभ उठाने के लिए पात्रता:
शैक्षिक योग्यता
कम से कम 10+2 (इंटरमीडिएट) उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। साथ ही, द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
आयु सीमा
आवेदन करने के लिए उम्र की सीमा 18 से 35 होनी चाहिए। जो भी महिला इच्छुकऔर शिक्षित है, इस योजना का हिस्सा बन सकती है।
भाषा
हिंदी या अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई पूरी करने वाली महिलाएँ आवेदन कर सकती हैं।
कैसे करें आवेदन:
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1. सबसे पहले आवेदन लिंक पर क्लिक करें :- CLICK HERE
2. फॉर्म में अपनी व्यक्तिगत जानकारी नाम, मोबइल नंबर, ईमेल आईडी भरें।
3. एक सुरक्षित पासवर्ड बनाएँ और ओटीपी डालकर फॉर्म को सबमिट करें।
4. इसके बाद फॉर्म में अपनी शैक्षिक योग्यता, फोटो, आधार कार्ड और अन्य आवश्यक दस्तावेज़ों की PDF अपलोड करें।
5. ₹1111 का आवेदन शुल्क ऑनलाइन जमा करें। भुगतान के बाद एक रसीद जारी होगी, जिसे भविष्य के लिए सुरक्षित रखें।
6. आवेदन की पुष्टि के बाद आपको एकडम आईडी कार्ड मिलेगा। चयनित होने पर, एक महीने के भीतर आपको इंटरव्यू के लिए कॉल किया जाएगा।
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यह सिर्फ नौकरी नहीं, बल्कि एक सेवा का मौका है!
कन्यादान कल्याण फाउंडेशन की यह योजना सिर्फ शिक्षण तक सीमित नहीं है। यह एक ऐसा अवसर है, जो महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाती है और साथ ही उन्हें समाज के भविष्य निर्माण का हिस्सा बनाती है।
आपका यह प्रयास सिर्फ 30 बच्चों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि यह पहल पूरे समाज को प्रभावित करेगी। जब आप अपने गाँव के बच्चों को पढ़ाएंगी, तो आप ज्ञान की दीपक जलाएंगी, जो अगली पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।
कन्यादान कल्याण फाउंडेशन के द्वारा सम्पूर्ण भारत के प्रत्येक गाँव की इंटरमीडिएट पास महिलाओं के लिए लेकर आयी है एक सुनहरा अवसर !
क्यों बनें कन्यादान कल्याण फाउंडेशन का हिस्सा?
1. गृहिणी से शिक्षिका बनने का मौका : अब महिलाएँ अपने घर से बाहर निकले बिना अपने समुदाय की सेवा कर सकती हैं।
2. गाँव में शिक्षा का प्रसार : ग्रामीण बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी, जिससे उनका भविष्य उज्ज्वल होगा।
3. आर्थिक सहायता : इस योजना के तहत आपको मानदेय के रूप में आर्थिक सहायता मिलेगी, जिससे आपकी आत्मनिर्भरता को बल मिलेगा।
4. समाज में योगदान : आप केवल शिक्षिका नहीं, बल्कि समाज की विकासकर्ता बनेंगी। आपके द्वारा दी गई शिक्षा का प्रभाव हर बच्चे पर पड़ेगा, जिससे वे जीवन में आगे बढ़ सकेगें।
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अब आप देर न करें, तुरंत आवेदन करें और समाज के उत्थान में अपनी भूमिका निभाएँ।
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आपका योगदान, हमारे देश का भविष्य उज्ज्वल बनाएगी। आइए, मिलकर एक शिक्षित समाज का निर्माण करें।
इस तरीके से यह जानकारी न केवल पढ़ने में सरल होगी बल्कि यह प्रेरणादायक भी लगेगी, जो महिलाओं को जोड़ने और उनका मनोबल बढ़ाने में सहायक होगी।
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